आध्यात्मिक पर्यटन, उद्योग क्षेत्र,बागवानी और लिपि संरक्षण में परस्पर सहयोग बढ़ाएंगे मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र विभिन्न क्षेत्रों में साथ कार्य करेंगे। दोनों राज्यों की साझा विरासत के संरक्षण में मिलकर कार्य करेंगे। उद्योगों के क्षेत्र और सांस्कृतिक आध्यात्मिक परंपराओं, पर्यटन और बागवानी के क्षेत्र में दोनों राज्यों की परस्पर सहयोग की गतिविधियां बढ़ाई जाएंगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शनिवार को कुशाभाऊ ठाकरे सभागृह में "तापी मेगा रिचार्ज परियोजना" से संबंधित एमओयू हस्ताक्षरित होने के पश्चात अन्य क्षेत्रों में मिलकर कार्य करने के बारे में विचार व्यक्त किए।

जबलपुर- नागपुर कॉरिडोर
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश से फार्मास्यूटिकल्स, टेक्सटाइल्स तथा कृषि उत्पादन का महाराष्ट्र के विभिन्न बंदरगाहों के माध्यम से काफी निर्यात होता है। महाराष्ट्र के विभिन्न बंदरगाहों में एक डेडिकेटेड निर्यात सुविधा प्रकोष्ठ के गठन की संभावनाओं पर विचार किया जाएगा। जबलपुर से नागपुर के मध्य एक डेडिकेटेड फ्रंट कॉरिडोर बन जाने से मध्य भारत क्षेत्र में माल परिवहन में भाड़ा, समय और लागत की अत्यधिक बचत संभव होगी।

आध्यात्मिक पर्यटन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारे अनेक तीर्थ दोनों राज्यों और देश के नागरिकों के आस्था केंद्र हैं। मध्यप्रदेश के दोनों ज्योतिर्लिंग श्री महाकालेश्वर और श्री ओंकारेश्वर को महाराष्ट्र के ज्योतिर्लिंग श्री त्र्यंबकेश्वर, श्री भीमाशंकर और श्री घृष्णेश्वर से जोड़कर धार्मिक पर्यटन सर्किट विकसित किया जा सकता है।

देवी अहिल्या के योगदान से दोनों राज्यों के युवाओं को कराएंगे अवगत
लोकमाता अहिल्या बाई होल्कर का महाराष्ट्र से संबंध था। बुनकर समाज के हित में महेश्वर सहित मालवा के अन्य स्थानों पर प्रशिक्षण और व्यवसाय उन्नयन के प्रयास किए जा रहे हैं। लोकमाता अहिल्या बाई होल्कर के सांस्कृतिक, धार्मिक और सुशासन क्षेत्र के योगदान से दोनों प्रदेशों के प्रमुख नगरों में लाइट एण्ड साउंड शो, नाटक मंचन के माध्यम से वर्तमान पीढ़ी को अवगत करवाया जा सकता है। आगामी 20 मई को राजवाड़ा इंदौर में कैबिनेट बैठक का आयोजन लोकमाता अहिल्या बाई होल्कर के सम्मान में हो रहा है।

साहसी योद्धाओं के स्वर्णिम इतिहास पर दोनों राज्यों को गर्व
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मराठा राजशाही का संबंध मध्यप्रदेश से रहा है। साहसी योद्धा बाजीराव पेशवा सहित होलकर, शिंदे (सिंधिया), तात्या टोपे, रानी लक्ष्मी बाई, अप्पाजी भोंसले से जुड़े इतिहास के गौरवशाली दस्तावेजों के संकलन और डिजिटलाइजेशन के कार्य भी किए जायेंगे। इसी क्रम में मोड़ी लिपि की पांडुलिपियों को संरक्षित करने और उनके प्रकाशन में दोनों राज्य सहभागिता कर सकते हैं। प्रदेश में मोड़ी लिपि के लगभग 21 लाख दस्तावेज संरक्षित किए जा चुके हैं।

केला महोत्स और आम महोत्सव
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में जहां बुरहानपुर में केला महोत्सव होता है, वहीं महाराष्ट्र के रत्नागिरी में आम महोत्सव का प्रचलन है। इन दोनों महोत्सवों को जोड़कर पर्यटन और उद्यानिकी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा सकता है।

 

India Edge News Desk

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